Khilastan Suporter Amritpal Singh’s close released from Punjab Police under mob pressure.
Amritasar. किसी शायर ने एक लाइन लिखी हैं “अपनी बेबसी पर रोना आया”
पंजाब पुलिस ने इसे चरितार्थ कर दिया और पंजाब पुलिस और प्रशासन की बेबसी देखिए की सैंकड़ों गुंडों और हथियारों से मुस्तैद लोगों ने उनके सामने एक अपराधी को छुड़ा लिया और खुलेआम चुनौती के साथ.
वाकया अमृतसर का हैं जहां खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के खास माने जाने वाले लवप्रीत तूफान का हैं जिसे बुधवार को पंजाब पुलिस ने अपरहण के मामले में गिरफ्तार किया था और अमृतसर के अजनाला पुलिस थाने में रखा था. जिसके बाद वारिस पंजाब दे के अमृतपाल सिंह ने पुलिस को चुनौती दी के वे अगर उसे नही छोड़ेंगे तो वो अपने हजारों समर्थकों के साथ थाने पर आएगा जिसका जिम्मेदार प्रशासन होगा और हुआ भी ठीक वैसा ही. अमृतपाल अपने समर्थकों के साथ आया और पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ थाने को घेर लिया. आनन -फानन में मामला शांत कराने के लिए पुलिस ने आश्वासन दे दिया कि हम कल लवप्रीत को छोड़ देंगे.हुआ भी ठीक वैसा ही आज तड़के भीड़ के साथ अमृतपाल ने अपने साथी लवप्रीत को छुड़ा लिया .
पंजाब पुलिस की मजबूरी और कमजोरी जिससे एक आरोपी को भीड़ ने छुड़ाने दिया
इस घटना के बाद पुलिस पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. कुछ ही दिनों में ये दूसरी घटना हैं जिसमे चंडीगढ़ में भी पुलिस पर बेकाबू भीड़ का हमला और पुलिसकर्मियों को घायल करना पुलिस की कमजोरी दिखाता हैं. ऐसे तो कोई भी ग्रुप और मॉब अपराधी को छुड़ाने का दबाव बनाएगा और पुलिस किसी अनहोनी के डर से ऐसे अपराधियों को बरी कर देगी. आज लवप्रीत को छोड़ने के बाद पुलिस ने ये साफ और गलत संदेश भी दिया जो लोग कानून को ताक पर रखते हैं और इज्जत नहीं करते हैं उन्हें खुली छूट मिल गई हैं.
पंजाब की निवेश समिट की वजह से प्रशासन हुआ नरम
इस घटना के पीछे माना जा रहा हैं कि उच्च प्रशासन पंजाब में चल रही इन्वेस्टर समिट पर इस घटना का असर नहीं हो इसलिए इस मामले को शांत किया और लवप्रीत को छोड़ दिया.
अमृतपाल हैं बड़ी चुनौती
दीप सिद्धू की मौत के बाद पंजाब के एक संगठन “वारिस पंजाब दे” नाम के संगठन का मुखिया बना अमृतपाल खुले आम देश विरोधी बाते करता हैं और खालिस्तान का समर्थन करता हैं. अमृतपाल उस समय चर्चा में आया जब स्वर्ण मंदिर पर कब्जा करने वाले खालिस्तानी अलगाववादी नेता जरनेल सिंह भिंडरावाले के गांव में शपथ ली थी.
अब अमृतपाल पुलिस और प्रशासन को चुनौती देते हुऐ खुलेआम खालिस्तान के समर्थन में हैं जो सरकार के लिए चुनौती हैं.
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