Jaipur. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) शायद पुरानी दोनों हार के सार को अब भूलना नहीं चाहते और इस बार के विधानसभा चुनावों में एक भी ऐसी गलती नहीं करना चाहते जिससे उन्हें किसी बात का मलाल रहे. इसी कड़ी में गहलोत हर वर्ग को साधने में लगे हैं. वो प्रत्येक जाति, वर्ग और क्षेत्र केंद्रित योजनाएँ और कार्य कर रहे हैं जिससे वो तबका और वोटबैंक उनके पक्ष में और मजबूती से हो जाए.
नए ज़िले बनाने से लेकर कई समाजों और वर्गों के कल्याण बोर्ड का गठन कर चुके गहलोत ने अब फिर से तीन और बोर्ड बनाने को मंजूरी दी हैं. इसमें हैं ‘राजस्थान राज्य तेली घाणी विकास बोर्ड’, ‘राजस्थान राज्य अवन्ति बाई लोधी बोर्ड’ व ‘राजस्थान राज्य अहिल्या बाई होल्कर बोर्ड’.
राजस्थान राज्य तेली घाणी विकास बोर्ड का गठन
यह बोर्ड तेली समुदाय के लोगों के उत्थान के लिए नवीन योजनाएं बनाकर तथा समस्याओं की पहचान कर राज्य सरकार को सुझाव प्रस्तुत करेगा। बोर्ड तेली घाणी के संरक्षण एवं संवर्धन के साथ ही युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण, उद्यमिता संवर्धन, रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने, बोर्ड से सम्बन्धित बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करने, अन्य राज्यों के उपयोगी अनुभवों की जानकारी साझा करने तथा विभिन्न विभागों के द्वारा संचालित बोर्ड से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों की मॉनिटरिंग सहित अन्य कार्य करेगा।
5 गैर सरकारी और 7 सरकारी सदस्य
बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा 3 सदस्यों सहित कुल 5 गैर सरकारी सदस्य होंगे। साथ ही उद्योग, स्कूल शिक्षा (प्राथमिक/माध्यमिक) एवं संस्कृत शिक्षा, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, श्रम एवं रोजगार तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता आदि विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख शासन सचिव/शासन सचिव अथवा उनके प्रतिनिधि (संयुक्त निदेशक स्तर के विभागीय अधिकारी), कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग के संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी, राजस्थान स्वर्ण कला विकास बोर्ड सचिव इस बोर्ड में सरकारी सदस्य के रूप में होंगे।
राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे। वहीं, कौशल नियोजन एवं उद्यमिता विभाग के संयुक्त निदेशक स्तरीय अधिकारी बोर्ड में सचिव के रूप में कार्य करेंगे। कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग बोर्ड का प्रशासनिक विभाग होगा।
राजस्थान राज्य अवन्ति बाई लोधी बोर्ड
राज्य सरकार प्रदेश में पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए निरन्तर कार्य कर रही है। इसी क्रम में लोधी (लोधा) समाज की स्थिति का सर्वेक्षण करने, मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने तथा पिछड़ेपन को दूर करने के सुझाव देने के लिए राजस्थान राज्य अवन्ति बाई लोधी बोर्ड का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा 3 गैर सरकारी सदस्य होंगे। साथ ही, उद्योग विभाग, स्कूल शिक्षा (प्राथमिक/माध्यमिक) एवं संस्कृत शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, श्रम विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के आयुक्त/निदेशक/शासन सचिव अथवा उनके प्रतिनिधि बोर्ड में सरकारी सदस्य के रूप में होंगे। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक स्तर के अधिकारी बोर्ड में सचिव का कार्य करेंगे। इसके अतिरिक्त, प्रबंध निदेशक, राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड अथवा उनका प्रतिनिधि बोर्ड के विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग बोर्ड के लिए प्रशासनिक विभाग होगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा पूर्व में इस सम्बन्ध में घोषणा की गई थी।
इस बोर्ड के गठन का उद्देश्य लोधी (लोधा) समाज के कल्याण हेतु विभिन्न योजनाएं प्रस्तावित करना, वर्तमान में संचालित विभिन्न जनकल्याकारी योजनाओं के बारे में विभिन्न विभागों से समन्वय कर सुझाव देना, समाज के शैक्षिक एवं आर्थिक उन्नयन तथा रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सुझाव देना है। यह बोर्ड समाज के परम्परागत व्यवसायों को नवीन तकनीक से लाभदायक स्थिति में लाने के सुझाव भी देगा।
राजस्थान राज्य अहिल्या बाई होल्कर बोर्ड
राज्य सरकार द्वारा राजस्थान राज्य अहिल्या बाई होल्कर बोर्ड का गठन किया गया है। यह बोर्ड गडरिया (गाडरी), गायरी, घोसी (गवाला), पूर्बिया (धनगर, गाडरी) जाति वर्ग की स्थिति का जायजा लेकर, प्रमाणिक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर इन वर्गों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा पिछड़ेपन को दूर करने के सुझाव राज्य सरकार को देगा।
बोर्ड द्वारा समाज के शैक्षिक एवं आर्थिक उन्नयन, रोजगार को बढ़ावा देने, सामाजिक बुराइयों/कुरीतियों के विरूद्ध ठोस उपाय करने और परम्परागत व्यवसाय को वर्तमान तौर-तरीकों से आगे बढ़ाने सहित अन्य सुझाव राज्य सरकार को प्रस्तुत किए जाएंगे।
इस बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा 5 गैर सरकारी सदस्य होंगे। साथ ही, उद्योग विभाग, स्कूल शिक्षा (प्राथमिक/माध्यमिक) एवं संस्कृत शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, श्रम विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव/आयुक्त/निदेशक/संयुक्त निदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि बोर्ड में सरकारी सदस्य के रूप में होंगे। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक स्तरीय अधिकारी बोर्ड में सचिव होंगे।
साथ ही, राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि बोर्ड के विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे। बोर्ड का प्रशासनिक विभाग सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग होगा।