Rural | Ministry of Rural Development along with World Bank and Bill & Melinda Gates Foundation organized a two-day conference on Rural Development – ‘Growing India: Reimagining Rural Development for Shared Prosperity’.
New Delhi. ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है, जिसमें अमृत काल के दौरान ग्रामीण विकास पर विचार-मंथन करने और ग्रामीण भारत के लिए एक रूपरेखा तैयार करने के लिए सबसे उत्कृष्ट प्रतिभाओं को आमंत्रित किया जा रहा है। ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने आज नई दिल्ली में ‘विकासशील भारत: साझा समृद्धि के लिए ग्रामीण विकास की पुनर्कल्पना’ शीर्षक के अंतर्गत दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।

ग्रामीण विकास मंत्रालय सुरक्षा व्यवस्था बनाने, कमजोर लोगों के लिए आजीविका के अवसरों को बढ़ाने और ग्रामीण बुनियादी ढांचे में सुधार के भारत के ग्रामीण विकास एजेंडे में योगदान देता है।
विश्व बैंक और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ग्रामीण विकास मंत्रालय के दो दीर्घकालिक रणनीतिक भागीदार रहे हैं और इन्होंने निवेश, साझेदारी विकास, साक्ष्य एकत्र करने तथा ज्ञान समर्थन के माध्यम से नई दिशाएँ तय करने में केंद्र और राज्य सरकारों का सहयोग किया है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय का मानना है कि भारत में ग्रामीण विकास के भविष्य की योजना तैयार करने के लिए वर्ष 2024-2030 के लिए एक मध्यम अवधि की योजना और वर्ष 2024-2047 के लिए एक दीर्घकालिक योजना तैयार करने का समय अब आ गया है। मंत्रालय ग्रामीण अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक परिवर्तन की जटिलता को पहचानता है और उभरते क्षेत्रों के विकास में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है; इन क्षेत्रों के साथ ग्रामीण आकांक्षाओं को जोड़ने के लिए संस्थागत साधनों को संरेखित करना; कमजोर लोगों के लिए एक संस्थागत सुरक्षा जाल का निर्माण; क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने के लिए रणनीतियों को अनुकूलित करना और बाजार के नेतृत्व वाले विकास के लिए सक्षम वातावरण बनाना शामिल है।
उपरोक्त उद्देश्यों के अनुरूप, ‘विकासशील भारत: साझा समृद्धि के लिए ग्रामीण विकास की फिर से कल्पना’ शीर्षक से दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है, जहां विशेषज्ञ और पेशेवर भारत के ग्रामीण परिवर्तन के लिए छह प्रमुख केंद्रीय विषयों पर ध्यान केंद्रित कर भाग ले रहे हैं। प्रत्येक विषय पर विचार-विमर्श एक प्रतिष्ठित नीति विचारक की प्रारंभिक टिप्पणी के साथ शुरू होता है, जिसके बाद विविध प्रतिनिधित्व के साथ पैनल चर्चा होती है।
भारत सरकार के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने सम्मेलन में अपने मुख्य भाषण में कहा कि आज स्व-सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं की सफलता की लाखों कहानियां सामने आ रही हैं जिन्होंने नीतियों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रेरक नेतृत्व में दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) की पहलों द्वारा लाए गए परिवर्तन को दर्शाते हुए पूरे भारत में अनुकरणीय कार्य किया है। ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री महोदय ने जोर देकर कहा कि मंत्रालय का लक्ष्य आजीविका के अवसरों का समर्थन करना और बढ़ाना है और स्व-सहायता समूह (एसएचजी) नेटवर्क में लखपति महिलाओं को सक्षम बनाना है। कोविड-19 जैसे कठिन समय और भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि में स्व-सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं के योगदान की प्रशंसा करते हुए, उन्होंने कहा कि 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में भारत में स्व-सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान होगा। उन्होंने स्थिरता, शून्य कार्बन उत्सर्जन, वित्तीय समावेशिता और सतत विकास लक्ष्यों 2030 के साथ ग्रामीण विकास मंत्रालय के दृढ़ सम्मिलन पर मंत्रालय के फोकस पर भी प्रकाश डाला।

इस कार्यक्रम में बोलते हुए माननीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने जोर देकर कहा कि स्व-सहायता समूह (एसएचजी) को पैकेजिंग और विपणन सहायता में पर्याप्त प्रशिक्षण के साथ स्व-सहायता समूह (एसएचजी) नेटवर्क के दायरे और ताकत को बढ़ाया जा सकता है।
सचिव, ग्रामीण विकास, शैलेश कुमार सिंह ने गणमान्य सभा को संबोधित करते हुए ग्रामीण महिलाओं के सामाजिक आर्थिक सशक्तिकरण के साथ समुदाय संचालित दृष्टिकोण पर बल दिया। मंत्रालय की कई योजनाओं के बारे में बोलते हुए उन्होंने उल्लेख किया कि मंत्रालय सामाजिक पूंजी का लाभ उठाकर अपनी सेवाओं का वितरण सुनिश्चित करता है। श्री शैलेश कुमार ने कहा कि बढ़ी हुई आय के अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के मिशन को विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभों का लाभ उठाना चाहिए और साझेदारियों का निर्माण करना चाहिए।
प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए, ग्रामीण आजीविका के अतिरिक्त सचिव, चरणजीत सिंह ने दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिसे आज दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा कार्यक्रम बनाया गया है और दुनिया को महिलाओं के विकास का नेतृत्व करने के साथ रास्ता दिखा रहा है।
अपने संबोधन में भारत को धन्यवाद देते हुए भारत में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर अगस्टे टानो कौमे ने कहा कि भारत सरकार और विश्व बैंक के बीच साझेदारी ने भारत के कई राज्यों में बड़े पैमाने पर परिवर्तन को सक्षम बनाया है। उन्होंने कहा कि उभरता हुआ भारत जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, उनमें ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका के अवसरों की आवश्यकता के साथ-साथ बदलती जनसांख्यिकी भी शामिल है।
अपने वीडियो संदेश में, बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) इंडिया के कंट्री डायरेक्टर, हरि मेनन ने उन पहलों पर प्रकाश डाला, जो भारत सरकार के साथ बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) की साझेदारी स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण को सक्षम बनाने में सहायता कर रही हैं।
इस सम्मेलन में वक्ताओं और सहभागियों में राष्ट्रीय और राज्य सरकारों, नागरिक समाज, शिक्षा जगत के प्रतिनिधि, जमीनी स्तर के लोग और निजी क्षेत्र में ग्रामीण विकास को करीब से देखने वाले और सार्वजनिक क्षेत्र के नेता शामिल हैं।
दो दिवसीय सम्मेलन निम्नलिखित छह समर्पित विषयों पर केंद्रित होगा:
- ग्रामीण भारत के लिए डिजिटल अवसरों का लाभ उठाना
- कृषि-खाद्य, जलवायु परिवर्तन, पोषण और लैंगिक गठजोड़ को मजबूत करना
- ग्रामीण युवाओं के लिए उद्यमिता और रोजगार
- ग्रामीण-शहरी संक्रमण में निवेश
- सामूहिक डिजाइन की पुनर्कल्पना
- समावेशी ग्रामीण विकास के लिए वित्त पोषण
जीडीआई, एक सामाजिक प्रभाव परामर्श स्टार्ट-अप, इस कार्यक्रम का knowledge partner है जो ग्रामीण भारत में विकास के दायरे को व्यापक बनाने का वादा करता है। सम्मेलन को दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) और विश्व बैंक के सोशल मीडिया हैंडल पर लाइव स्ट्रीम किया जा रहा है।
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