North-East | The Riverine Religious Tourism Circuit will connect 7 historic temples on the banks of the Brahmaputra around Guwahati including the Maa Kamakhya Devalaya with modern ferry services. The ₹ 45 crore project is set to be completed in 12 months.
Guwahati. पत्तन, पोत परिवहन और जल मार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) अंतर्देशीय जलमार्ग के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इस क्रम में ब्रह्मपुत्र नदी पर विकसित किए जा रहे नदी आधारित पर्यटन सर्किट के लिए एक समझौता ज्ञापन पर भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई), सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (एसडीसीएल), असम पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (एटीडीसी) और अंतर्देशीय जल परिवहन निदेशालय (डीआईडब्ल्यूटी) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर असम में 19 मई 2023 को किया जाएगा। यह हस्ताक्षर समारोह असम के मुख्यमंत्री डॉक्टर हेमंत बिस्वा सरमा और केन्द्रीय बंदरगाह पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल की उपस्थिति में होगा।
Speaking at the inaugural session of the Cotton Conclave 2023 at Cotton University, Guwahati. https://t.co/cJzyVSEf7q
— Sarbananda Sonowal (@sarbanandsonwal) May 19, 2023
इस परियोजना को सागरमाला कार्यक्रम के तहत 40-45 करोड़ की शुरुआती लागत से विकसित किया जा रहा है। एसडीसीएल और आईडब्ल्यूएआई संयुक्त रूप से परियोजना लागत का 55 प्रतिशत योगदान देंगे जबकि शेष लागत एटीडीसी द्वारा दिया जायेगा। डीआईडब्ल्यूटी ने मंदिरों के पास वाले घाटों का उपयोग इस परियोजना के लिए मुफ्त में करने की सहमति दी है।
ये सागरमाला परियोजना गुवाहाटी में स्थित कामाख्या, पाण्डुनाथ, अश्व क्लांता डोलगोविंदा,उमानंदा चक्रेश्वर और औनियती सतरा नाम के ऐतिहासिक मंदिरों को साथ जोड़ेगी। सर्किट हनुमान-घाट उज़ैन-बाजार से निकलकर जलमार्गों के माध्यम से उपरोक्त सभी मंदिरों को जोड़ते हुए अपना फेरा पूरा करेगा। फेरी सेवा से एक चक्कर को पूरा करने के लिए कुल यात्रा समय 2 घंटे से कम होने की उम्मीद है।
