Customs, Excise and Service Tax Appellate Tribunal (CESTAT) to commemorate 40 years of glorious and successful journey.
New Delhi. सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (सीईएसटीएटी) कल अपनी शानदार और सफल यात्रा के 40 साल मनाएगा
न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय, मुख्य अतिथि के रूप में उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करेंगे
न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा, मुख्य न्यायाधीश, दिल्ली उच्च न्यायालय, विशिष्ट अतिथि होंगे
सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (सीईएसटीएटी) कल यहां 40 साल की अपनी शानदार और सफल यात्रा का समारोह मनाएगा। न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय, उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि होंगे और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा, मुख्य न्यायाधीश, दिल्ली उच्च न्यायालय विशिष्ट अतिथि होंगे। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा, न्यायाधीश, दिल्ली उच्च न्यायालय; संजय मल्होत्रा, सचिव, राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय और विवेक जौहरी, अध्यक्ष, अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) भी उद्घाटन समारोह में भाग लेंगे। सीईएसटीएटी के 40 गौरवशाली वर्षों को रेखांकित करने के लिए एक स्मारिका भी जारी की जाएगी।
सीईएसटीएटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता स्मरणोत्सव की अगुवाई करेंगे, जिसमें दिल्ली प्रधान पीठ के सदस्यों के अलावा सीईएसटीएटी की 7 अन्य क्षेत्रीय खंडपीठों तथा न्यायाधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। कार्यक्रम में न्यायाधिकरण के सभी सदस्य, देश भर के बार संघों के सदस्य और विभाग के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, सीबीआईसी के सदस्य, प्रधान आयुक्त, मुख्य आयुक्त और विभाग के आयुक्त भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।
उद्घाटन सत्र के बाद दो कार्य सत्र होंगे। पहले सत्र में ‘न्याय के शीघ्र वितरण के लिए न्यायाधिकरणों में प्रौद्योगिकी का उपयोग’ विषय पर चर्चा होगी और न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा, न्यायाधीश, दिल्ली उच्च न्यायालय इस सत्र की अध्यक्षता करेंगे। दूसरा सत्र ‘न्यायाधिकरण के प्रयोग – जीत और समस्याएं’ विषय पर होगा और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति पंकज मिथल इस सत्र की अध्यक्षता करेंगे।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल भी सभा को संबोधित करेंगी।
सीईएसटीएटी के बारे में:
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 323 बी और सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 की धारा 129 के तहत सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण का गठन 11 अक्टूबर, 1982 को किया गया था। न्यायाधिकरण सुधार अधिनियम, 2021 को अधिनियमित किया गया है, ताकि सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 सहित कुछ अधिनियमों में और संशोधन किया जा सके। उपरोक्त अधिनियम की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, न्यायाधिकरण (सेवा की शर्तें) नियम, 2021 तैयार किया गया है।
न्यायाधिकरण की प्रधान पीठ दिल्ली में है। प्रारंभ में, न्यायाधिकरण की मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में 3 क्षेत्रीय खंडपीठें थीं। इसके बाद, 5 और क्षेत्रीय खंडपीठों का गठन किया गया। न्यायाधिकरण की बैंगलोर खंडपीठ का गठन 30.11.2000 को, अहमदाबाद खंडपीठ का 03.03.2006 को, इलाहाबाद खंडपीठ का 14.08.2015 को, चंडीगढ़ खंडपीठ का 04.11.2015 को और हैदराबाद खंडपीठ 06.11.2015 को किया गया था। वर्तमान में न्यायाधिकरण की स्वीकृत शक्ति, न्यायाधिकरण के अध्यक्ष के अलावा, 16 न्यायिक सदस्यों और 16 तकनीकी सदस्यों की है।
कोविड महामारी के दौरान न्यायाधिकरण ने प्रधान पीठ के साथ-साथ न्यायाधिकरण की 8 क्षेत्रीय खंडपीठों में भी वर्चुअल सुनवाई की। इस अवधि के दौरान एंटी-डंपिंग मामले और न्यायाधिकरण की बड़ी पीठों के सामने आने वाले मामलों में भी निर्णय दिए गए थे।
न्यायाधिकरण के कामकाज में सुधार लाने के लिए पिछले चार वर्षों में कई कदम उठाए गए हैं। न्यायाधिकरण द्वारा पारित सभी आदेश, चाहे अंतिम आदेश हो या अंतरिम आदेश हो या दैनिक आदेश हो, बिना किसी देरी के न्यायाधिकरण की वेबसाइट पर अपलोड किए जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप न केवल पक्षों को कार्यवाही के बारे में समय पर जानकारी प्राप्त होती है, बल्कि न्यायाधिकरण द्वारा निर्धारित अगली तारीखों के बारे में भी पक्षों को अलग-अलग नोटिस भेजने की जरूरत नहीं रहती है। न्यायाधिकरण में कोर्ट रूम और अन्य प्रमुख स्थानों पर एक डायनेमिक डिस्प्ले बोर्ड भी लगाये गए हैं।
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