Jaipur: Rajasthan’s pantomime artist Mr. Vilas Janve honored by President with Sangeet Natak Akademi Award.
Udaipur.राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने राजस्थान के वरिष्ठ रंगकर्मी विलास जानवे को गुरूवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में वर्ष 2021 के संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया । पुरस्कार के रूप में विलास जानवे को ताम्र पत्र, एक लाख रुपये एवं अंगवस्त्र प्रदान किया गया। इस अवसर पर देश के 128 कलाकारों को अकादमी पुरस्कार के लिए नवाजा गया।
68 वर्षीय जानवे पिछले पांच दशकों से मूकाभिनय से जुड़े हैं। मूकाभिनय में यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने वाले वे देश के पांचवें कलाकार हैं। इससे पूर्वं यह पुरस्कार प.बंगाल के गुरु योगेश दत्ता, पद्मश्री निरंजन गोस्वामी, असम के मोइनुल हक और त्रिपुरा के सपन नंदी को मिल चुका है। जानवे को संस्कृति मंत्रालय से मूकाभिनय के क्षेत्र में 2001 में सीनियर फेलोशिप मिल चुकी है।
विलास जानवे ने 1998 से शुरू राष्ट्रीय मूकाभिनय उत्सवों में पत्नी किरण जानवे के साथ अपनी कला का प्रदर्शन करने के साथ ही गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा ,चंडीगढ़, दिल्ली और राजस्थान की कला अकादमियों और शैक्षणिक संस्थाओं के लिए मूकाभिनय की कार्यशालाएं निर्देशित की हैं। अपने गुरु पद्मश्री निरंजन गोस्वामी को मूकाभिनय की कार्यशालाओं में सहायता करने के साथ ही उन्होंने ऎतिहासिक एवं सामाजिक विषयों पर कई मूकाभिनयों की संरचना की है। देश के कई मंचों पर भी वे अपनी इस कला का प्रदर्शन कर चुके हैं।
उदयपुर के पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में 28 वर्ष तक कार्यक्रम अधिकारी रहे जानवे ने सी.सी.आर.टी क्षेत्रीय केंद्र उदयपुर में परामर्शक के रूप में भी कार्य किया। उन्होंने सेन्ट्रल जेल, उदयपुर में मूकाभिनय का प्रशिक्षण दिया है। जानवे ने गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की नोबेल पुरस्कार रचना गीतांजली की कविताओं पर मूकाभिनय कर नवाचार किया है।
