भारतीय शेयर बाजारों ने 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट पर सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की, सूचकांकों में 1000 अंक से अधिक की वृद्धि के साथ 60,000 के पार गया |नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों से पता चलता है कि निफ्टी तेल और गैस सूचकांक को छोड़कर, अन्य सभी सूचकांक हरे रंग में कारोबार कर रहे हैं। निफ्टी बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज और प्राइवेट बैंक सबसे ज्यादा चढ़े।इस साल का बजट पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट होने के कारण महत्वपूर्ण है, क्यूकि अगले साल आम चुनाव होने हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने बुधवार को संसद में अपने बजट भाषण में घोषणा की कि सरकार पूंजीगत व्यय परिव्यय को 33 प्रतिशत बढ़ाकर रुपये 10 लाख करोर करने का प्रस्ताव करती है जो कि 2023-24 में जीडीपी का 3.3 प्रतिशत होगा| सीतारमन ने अपने बजट भाषण में कहा “(यह समग्र परिव्यय) सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 प्रतिशत होगा, 2019-20 में किए गए परिव्यय का लगभग तीन गुना। पर्याप्त वृद्धि के साथ, यह विकास क्षमता और रोजगार सृजन, निजी निवेश में तेजी और सरकार के प्रयासों के लिए केंद्रीय है।यह प्रयास वैश्विक विपरीत परिस्थितियों के खिलाफ एक कुशन प्रदान करता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के परिव्यय को 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79000 करोड़ से 100 करोड़ रुपये से अधिक कर दिया गया है।इसके अलावा, सरकार ने भारतीय रेलवे के लिए लगभग 2.40 लाख करोड़ रुपये के पूंजी परिव्यय का प्रस्ताव दिया यह अब तक का सबसे अधिक और 2013 से नौ गुना था।सरकार ने कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा है।सीतारमन ने बताय कि देश का कृषि क्षेत्र पिछले छह वर्षों में 4.6 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रहा है।मंगलवार को संसद में पेश की गई आर्थिक सेवा में उल्लेख किया गया है कि आने वाले वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 6 से 6.8 प्रतिशत की सीमा में बढ़ने की उम्मीद है।
