एमपी भाजपा लगी क्षत्रिय वो साधने में
भोपाल. मध्यप्रदेश में ठाकुरों के गढ़ के रूप में जाना जाता हैं. क्षत्रिय इतिहास में मध्यप्रदेश बड़ा अध्याय हैं. बुंदेलखंड, तोमरगढ, बघेलखंड, मालवा, इंदौर समेत कई महत्वपूर्ण रियासतें राजपूतो की थीं. वर्तमान में भी इन सभी क्षेत्रों से ज्यादातर क्षत्रिय उम्मीदवार जीत कर आते हैं.
भारतीय जनता पार्टी और मध्यप्रदेश में बीजेपी के लीडर इस बात को अच्छे से समझते है की आबादी और दबदबे दोनों में ही ठाकुरों को नजरअंदाज करना किसी भी पार्टी के लिए ठीक नहीं हैं. इस बात को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अच्छे से समझते हैं. मामा के नाम से मशहूर मुख्यमंत्री ने हाल ही में राजपूतों की एक मीटिंग की जिसमे राजपूतों के प्रतिनिधियों को बुलाकर उनसे बातचीत की.
मुख्यमंत्री शिवराज और भाजपा नेतृत्व इस बात को जानता हैं कि राजपूत वोटर जिस तरफ अपना रुख नरम रखेगा उसको आगामी विधान सभा चुनावों में फायदा हासिल होगा और इसी कड़ी में राजपूत समाज के साथ इस विशेष बैठक का प्रयोजन साफ़ हो गया.
आज गुरुवार के दिन प्रदेश के मुख्य अखबारों में बड़े बड़े इश्तेहार दिए गए जो एक आव्हान की तरह हैं. इस क्षत्रिय समागम का उद्देश्य मुख्य रूप से आगामी चुनाव नजर आता हैं जिसमे शिवराज सरकार ठाकुरों की हितैषी बनने का एहसास दिलाना चाहती हैं.
भदौरिया की अगुवाई
मुख्यमंत्री आवास श्यामल हिल्स पर हो रहे इस राजपूत महापंचायत में मध्यप्रदेश सरकार और शिवराज कैबिनट में सहकारिता मंत्री अरविन्द सिंह भदौरिया राजपूत समाज, पार्टी और सरकार के लिए मुख्या चेहरा बने हुए हैं.
करणी सेना भी पीछे नहीं
बात सत्ता और समाज की आती है तो करणी सेना हर मोर्चे पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा देती हैं. इस समागम में करणी सेना भी भाग ले रही हैं. राजस्थान के करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी समेत राजपूत राष्ट्रीय करनी सेना के कई पदाधिकारी भी भोपाल राजपूत महापंचायत को सफल बनाने में शिवराज सरकार के साथ नजर आ रहे हैं.
मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित क्षत्रिय समागम के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने शुभारम्भ कर उद्बोधन दिया . मंत्री अनुराग सिंह भदौरिया, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, सांसद साध्वी प्रज्ञा समेत MLA गोविन्द सिंह राजपूत एवं सैंकड़ो समाजन मौजूद रहें.
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