Takli irrigation project, takli dam news.
कोटा जिले में ताकली नदी के किनारे बसे ऐतिहासिक गांव चेचट में बन रहे ताकली बांध का काम किसानों और ग्रामीणों ने उनकी मांगो के पूरा ना होने और अहित होने का आरोप लगाते हुए बंद करवा दिया. बांध के डूब क्षैत्र में आने वाले ग्रामीणों और किसानों का कहना हैं कि इस परियोजना से प्रभावित किसानों को उनका हक़ नहीं मिला हैं साथ ही प्रशासन पर अनदेखी का आरोप भी लगाया.
ताकली बांध हित संघर्ष समिति के अध्यक्ष शंभू सिंह ने बताया कि प्रशासन ने अभी तक 17 कुओं का मुआवजा किसानों को नहीं दिया है। साथ ही रिछड़िया में जो कॉलोनी बसाई है, उसमें ग्रामीणों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। मूलभूत सुविधाओं के लिए भी ग्रामीण भटक रहे है। शंभू सिंह ने कहा कि हम भी चाहते है की ताकली बांध का कार्य जल्द पूरा हो और ग्रामीणों को उसका लाभ मिले। लेकिन डूब क्षेत्र में आए ग्रामीणों को उनका अधिकार पहले मिलना चाहिए।
सिंचाई विभाग के एईएन अशोक मीना का कहना है कि ग्रामीणों की अधिकांश मांगे पंचायत स्तर की है. जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन योजना जो हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है. अधिकांश ग्रामीणों को मुआवजा मिल चुका है. जिनका बाकी है उनके मुआवजे की प्रक्रिया की जा रही है।.साथ ही 2 पंचायतों के 7 गांव के डूब क्षेत्र के ग्रामीणों की सूची प्रस्तावित कर दी है.
उपखंड अधिकारी आईएएस कनिष्क कटारिया ने कहा कि ताकली बांध परियोजना में सभी को मुआवजा राशि सौंप दी गई है. कुछ ग्रामीण वंचित हैं जिनकी जिन्हे जल्द दिलवाई जाएगी. ताकली बांध परियोजना से प्रभावित ग्रामीणों के पंचायत स्तर पर प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत नाम भेजे हुए है. जो ऑनलाइन पोर्टल ओपन होने के बाद ही नाम सामने आएंगे. धरने पर बैठे ग्रामीणों से बैठक लेकर बात की जा रही हैं.
विधानसभा में भी उठ चूका है मुद्दा
कोटा जिले की ताकली सिंचाई परियोजना का मुद्दा 2018 में विधानसभा में भी उठ चूका हैं. राजस्थान विधानसभा के आखिरी सत्र में क्षेत्रीय विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने भी इस मुद्दे को उठाया था और सरकार से मांग की थी कि ताकली सिंचाई परियोजना से प्रभावित किसानों और ग्रामीणों को किसान भूमि अवाप्ति अधिनियम 2013 के तहत मांगो को पूरा किया जाए.
